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आँखों-देखी ! :- किरन श्रीवास्तव
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मित्रो आज मैं आपको अपने आँखों देखी एक बात सांझा करती हूँ !
पिछले दिनों जब मैं अस्पताल में भर्ती थी मेरे बगल वाली बेड़ पर एक मुस्लिम महिला भी भर्ती थी जो की इन्द्रलोक ( दिल्ली ) से थी , उम्र भी केवल ४५ के आस-पास लग रही थी , उसके साथ ६-७ बुजुर्ग महिलाए भी थी .. नही मालूम मुझे की वे उसकी रिश्तेदार थी या अगल-बगल वाले वार्ड से आती थी !
इतना जमघट देखकर मेरे मन में भी उसकी बीमारी जानने की उत्सुकता हुयी , पूछने पर पता चला की उसका युट्रेस निकाल दिया गया है --- कारण की कॉपर - टी का धागा उसके युट्रेस में सड़ गया था ! बच्चो की संख्या पूछी तो उसने अपने जीवित बच्चो की संख्या ११ बताई जिसमे की ८ नर एवं ३ मादा संतान थी .... मेरे आश्चर्य का ठिकाना नही रहा की "इतनी कम उम्र , इतने ढेर सारे बच्चे , उसके बाद भी कॉपर - टी लगवाई गयी ... नसबंदी क्यों नही ??"
उसके साथ की बुजुर्ग महिलाओं ने बताया की "नसबंदी करने पर हमारे यहाँ जनाज़ा नही उठता है , ऊपर जाने पर अल्लाह-ताला इस गुनाह का हिसाब मांगता है " !
मैंने पालन-पोषण के लिए जानना चाहा तो उन्होंने बताया की "हिन्दू हो या मुसलमान सिर्फ लड़की वाला ही रोता है ... जिनके पास जितने ज्यादा लड़के हो वे उतने ही सुखी होते है और उतने ही तल्लो के उनके मकान बनते जाते है " और इसके लिए उन्होंने अपने अनेक रिश्तेदारों के उदाहरण भी दे डाले !
मैंने उनसे बिंदास पूछा की आप लोगों को शर्म नही आती जब आपकी बहु , बेटी और आप तीनो ही एक साथ गर्भवती हो जाती हो ....वे कहने लगी की " जी इसमें शर्म कैसी , उनको भी अल्ला-ताला देता है और हमें भी !"
मैं सोच में पड़ गयी की जब राजधानी का ये हाल है तो पूरे हिन्दुस्तान का क्या होगा और अगले २० वर्षो में हिन्दुस्तान का चेहरा क्या होगा ?
(ये घटना महज़ एक हफ्ते पहले २६ दिसंबर की है !)
2 टिप्पणियां:
behas jaari hai .........
kya nasbandhi karne se sprm nahi nikalta hai plzz reply me
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