दिसंबर 07, 2010

तुम्हारी तरह कौन मुझे चाहेगा!

अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जायेगा,मगर तुम्हारी तरह कौन मुझे चाहेगा!

तुम्हें ज़रूर कोई चाहतों से देखेगा,मगर वो आँखें हमारी कहाँ से लायेगा!

ना जाने कब तेरे दिल पर नई सी दस्तक हो,मकान ख़ाली हुआ है तो कोई आयेगा!

मैं अपनी राह में दीवार बन के बैठा हूँ,अगर वो आया तो किस रास्ते से आयेगा!

तुम्हारे साथ ये मौसम फ़रिश्तों जैसा है,तुम्हारे बाद ये मौसम बहुत सतायेगा!