मार्च 23, 2011

पाश को याद करते हुए

 भगत सिंह पर पाश की एक कविता

अवतार सिंह संधु 'पाश' पंजाबी के प्रख्‍यात शायर थे ।  आजाद मुल्‍क़ के लिए जैसे समाज का ख्‍़वाब भगत‍ सिंह देख रहे थे, पाश वैसे ही समाज बनाने की जद्दोजहद में लगे थे। पंजाब में जिस दौरान अलगाववादी आंदोलन चरम पर था, पाश ने इसका खुलकर विरोध किया। खालिस्तानी आतंकवादिओं ने पाश को 38 साल की उम्र में 23 मार्च 1988 को उसी दिन शहीद कर दिया था जिस दिन भगत सिंह शहीद हुए थे...   भगत‍ सिंह पर लिखी गयी उनकी कविता यहॉं पेश है-

शहीद भगत सिंह -पाश

पहला चिंतक था पंजाब का
सामाजिक संरचना पर जिसने
वैज्ञानिक नज़रिये से विचार किया था

पहला बौद्धि‍क
जिसने सामाजिक विषमताओं की, पीड़ा की
जड़ों तक पहचान की थी

पहला देशभक्‍त
जिसके मन में
समाज सुधार का
ए‍क निश्चित दृष्टिकोण था

पहला महान पंजाबी था वह
जिसने भावनाओं व बुद्धि‍ के सामंजस्‍य के लिए
धुँधली मान्‍यताओं का आसरा नहीं लिया था
ऐसा पहला पंजाबी
जो देशभक्ति के प्रदर्शनकारी प्रपंच से
मुक्‍त हो सका
पंजाब की विचारधारा को उसकी देन
सांडर्स की हत्‍या
असेम्‍बली में बम फेंकने और
फॉंसी के फंदे पर लटक जाने से कहीं अधिक है
भगत सिंह ने पहली बार
पंजाब को
जंगलीपन, पहलवानी व जहालत से
ब‍ुद्धि‍वाद की ओर मोड़ा था
जिस दिन फांसी दी गयी
उसकी कोठरी में
लेनिन की किताब मिली
जिसका एक पन्‍ना मोड़ा गया था
पंजाब की जवानी को
उसके आखिरी दिन से
इस मुड़े पन्‍ने से बढ़ना है आगे
चलना है आगे
(पंजाबी से अनुवाद: मनोज शर्मा, साभार: उद्भावना) 

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