भगत सिंह के क्रांतिकारी जीवन की एक बात ऐसी है जो उन्हें दूसरे कई क्रांतिकारियों से अलग खड़ा कर देती है और यह बात है उनका लेखन. 23 बरस की उम्र तक ही भगत सिंह अपने लेखन के ज़रिए एक ऐसा आधार तैयार कर गए जिससे कई दशकों तक युवा पीढ़ी प्रेरणा ले सकें.
जानकार मानते हैं कि भगत सिंह जानबूझकर अपने विचार लिखकर गए ताकि उनके बाद लोग जान-समझ सकें कि क्रांतिकारी आंदोलन के पीछे केवल अंधी राष्ट्रवादिता नहीं बल्कि कुछ बदलने की तबीयत थी.
हालांकि विडंबना यह रही कि आज़ादी के लगभग चार दशक बाद तक भगत सिंह की लिखी बातें और उनसे जुड़े दस्तावेज़ आम लोगों की पहुँच में नहीं थे. फिर धीरे-धीरे परत खुलनी शुरू हुई और कई लोगों ने इनसे जुड़े दस्तावेज़ों का संपादन किया.
यहाँ भगत सिंह से जुड़े कुछ दस्तावेज़ों को इसी मंशा से रखा जा रहा है ताकि बीबीसी के पाठक भी इसका लाभ उठा सकें. इनमें भगत सिंह की जेल नोटबुक के कुछ हिस्से हैं और कुछ पत्र हैं जो उन्होंने अलग-अलग मौकों पर लिखे हैं................