पीपुल्स पार्टी आफ पंजाब बनाकर कहा : भगत सिंह की सोच का पंजाब बनायेंगे
वामपंथियों से गठबंधन के संकेत !
पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के भतीजे मनप्रीत बादल ने पंजाब में नई राजनीतिक पार्टी का गठन किया है | पीपुल्स पार्टी आफ पंजाब के गठन से मुख्धारा की दोनों राजनीतिक पार्टियों कांग्रस और अकाली-भाजपा गठबंधन के होश उड़ गए हैं | उधर पीपुल्स पार्टी आफ पंजाब के वामपंथियों से गठबंधन के संकेत भी मिलने लगे हैं | भगत सिंह , सुखदेव के परिवारिक रिश्तेदार , पंजाब के प्रसिद्ध कलाकार , बुद्धिजीवी न सिर्फ मनप्रीत के कार्यक्रम में पहुंचे बल्कि नई पार्टी मे शामिल भी हो गये हैं | शहीदे आजम भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां में 27 मार्च को " जागे पंजाब , जीवे पंजाब " नामक आयोजित रैली में भ्रष्ट निजाम को बदल देने व फिरकापरस्ती का जहर चूस लेने के इरादों को अमली रूप देने के मकसद से भगत सिंह के विचारों पर आधारित पीपल्ज पार्टी आफ पंजाब का मनप्रीत बादल द्वारा गठन कर दिया गया | पार्टी अनुशासन भंग करने के आरोप में पांच महीने पूर्व अकाली दल और राज्य के वितमंत्री के पद से हटा दिया गया था | पंजाब में तब मनप्रीत ने जागो पंजाब यात्रा निकालकर शहीदों की विचारधारा पर आधारित नई पार्टी बनाने का संकल्प लिया था , जिसे पंजाब में व्यापक समर्थन मिला था | मनप्रीत ने शहीदे आजम भगत सिंह के भतीजे अभय सिंह संधू तथा शहीद सुखदेव सिंह के भतीजे भारत भूषण थापर को आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवारों के रूप में उतारने की घोषणा करते हुए कहा कि इन दोनों को वोटें मांगने की जरुरत नहीं है, जिनको देश से प्यार है, वह खुद उनके साथ होंगे। मनप्रीत ने कहा कि बेशक हम 64 साल लेट हो गए हैं , पर अब भी समय है कि जमीर की आवाज सुनें तथा निश्चय करें कि कर्ज रहित तथा आजादी के लिए जानें कुर्बान करने वालों के सपनों का पंजाब बनाने के लिए रिश्वत, गरीबी, बेरोजगारी, अनपढ़ता और भुखमरी के विरुद्ध एकजुट हों | उन्होंने कहा कि यदि पंजाब वासी उन पर विश्वास जताएंगे तो वे इस बात का वायदा करते हैं कि आने वाले 11 महीनों के बाद पंजाब से अनपढ़ता, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार तथा गरीबी के जहर ख़तम कर जनहितैषी सरकार बनायेंगे । पूर्व वितमंत्री मनप्रीत ने कहा कि पी.पी.पी. पंजाब के लोगों की आकांक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास करेगी ,जिसका एजंडा , संविधान और विचारधारा ऐसी होगी जो परिवारवाद , भाई-भतीजावाद का अंत कर देगी | उनकी धर्मनिरपेक्ष पार्टी नए पंजाब का उदय कर लोगों का कायापलट करेगी तथा लाल बत्ती के शासन को समाप्त कर देगी जहां एक परिवार का लोकतंत्र नहीं होगा | मनप्रीत बादल ने कहा हम एक ऐसा निजाम बनाने का संकल्प लेते हैं जिसमें हर धर्म , हर जाति , हर वर्ग के लोगों का विकास हो | उन्होंने कहा की 64 वर्षों तक अकाली -कांग्रस सरकारों ने लोगों से गिल्ली-डंडे का खेल खेला है , जिसमे डंडा सत्ताधारी वर्ग के हाथ रहा है | मनप्रीत बादल ने कहा की राज्य में लोक भलाई के विकास प्रोजेक्ट पार्टी कार्यकर्ता की बजाय शहीदों के नाम पर रखे जाएंगे। सरकारी खर्चों में कटौती की जाएगी। आय में बढ़ौतरी के लिए लक्ष्य निधारित किया जाएगा। खेतीबाड़ी की ओर विशेष ध्यान दिया जाएगा। औद्योगिक निवेश बढ़ाना तथा नौकरियां पैदा की जाएंगी। शिक्षा व खेलों की ओर विशेष ध्यान दिया जाएगा। दवाइयों व सेहत सुविधाओं की ओर विशेष ध्यान दिया जाएगा। प्रदेश में अपराध व भ्रष्टाचारी को रोकने के लिए विशेष प्रयत्न किए जाएंगे | इस दौरान शहीद भगत सिंह के भतीजे अभय संधू ने कहा कि शहीदों के सपने कोई भी राजसी पार्टी पूरा करने में नाकामयाब रही है, जिस कारण उनको इस पार्टी के साथ मिल कर काम करना पड़ रहा है। शहीद सुखदेव सिंह के भतीजे भारत भूषण थापर ने कहा कि उनके बुजुर्गों ने 80 साल पहले देश की आजादी के लिए अपनी जान दी थी, परंतु उनको अब तक क्या मिला, उनके पंजाब को भी भुखमरी, गरीबी व बेरोजगारी के सिवाए कुछ नहीं मिल पाया है।
हास्य कलाकार भगवंत मान ने कहा कि सियासतदानों ने शहीदों के सपनो की आज़ादी लोगों तक नहीं पहुंचने दी , पर लाल बत्तियों और संसद भवन तक जरुर पहुंचा दी है | भगवंत मान ने कहा की अंग्रेजों ने तो भगत सिंह को एक बार ही फाँसी लगाई थी , पर भारतीय नेताओं ने शहीदों के सपनों को 64 बार फांसी लगाया है |
मनप्रीत अपनी कही बातों पर कितना खरा उतरते हैं और पंजाब की जनता उनकी पार्टी पर विशवास करती है या नहीं ये तो आने वाला वक्त की बतायेगा, पर मनप्रीत के लोगों का आकर्षण बनने से कांग्रस और अकालियों की रातों की नींद जरूर उड़ने लगी है | एक समय तक साम्प्रदायिकता और आतंकवाद ने खाते पीते पंजाब को उजाड़ कर रख दिया था , जिसमें कांग्रस और अकालियों का हाथ रहा था | कांग्रस - अकालियों की राजनीतिक दूषणबाज़ी , एक दूसरे को देख लेने की धमकियों जैसी बातों से दुखी पंजाब के लोगों को मनप्रीत के रूप में एक तीसरा विकल्प दिखता नज़र आ रहा है | मनप्रीत के नारे , वादे और भगत सिंह के सपनों का भारत बनाने की बातें ठीक कम्युनिस्टों जैसी हैं | मनप्रीत कम्युनिस्टों की भाषा बोल रहे हैं और सब्सिडियों को जारी रखने बारे उन्होंने अपना पुराना स्टैंड भी बदला है | कम्युनिस्टों ख़ास पर सी. पी. आई . का पंजाब में खासा आधार आज भी है | अगर मनप्रीत एक मजबूत तीसरी राजनैतिक ताकत के रूप में उभरना चाहते हैं तो उनको सी.पी.आई और दूसरे वामपंथियों से गठबंधन करना पड़ेगा , जिसे पंजाब में अच्छा समर्थन मिल सकता है | 23 मार्च को भगत सिंह के शहीदी दिवस पर खटकड़ कलां पंजाब में सी.पी.आई .के राष्ट्रीय महासचिव ए.बी.बर्धन और पार्टी के सीनियर नेता जगरूप सिंह ने मनप्रीत से गठबंधन का संकेत भी दिया है | अगर ऐसा होता है तो 11 महीने बाद होने वाले पंजाब विधान सभा के चुनावों के परिणाम चोंकाने वाले भी हो सकते हैं |
(ये खबर है , विश्लेषण नहीं) ........- रोशन सुचान
2 टिप्पणियां:
इन राजनेताओं पर भरोसा करना बहुत मुश॒किल हैं. जब मुसीबत आती तब इन्हें शहीदों की याद आती है.
शहीद राजनीतिक बेड़ा पार करने का जरिया बन गये है.
मित्र , सही बोला आपने .........
एक टिप्पणी भेजें