मार्च 24, 2010

जेल नोटबुक-2.................

(नोटबुक का एक और पन्ना)





पृष्ठ 44



क्राँति और वर्ग

सारे के सारे वर्ग सत्ता पाने की कोशिश में क्राँतिकारी ही होते हैं और समानता की बातें करते हैं. और सारे के सारे वर्ग जब सत्ता प्राप्त कर लेते हैं तो संकीर्णतावादी हो जाते हैं और मान लेते हैं कि समानता सिर्फ़ एक रंगीन सपना भर है. सारे के सारे वर्ग, सिर्फ़ एक को – मज़दूर वर्ग को छोड़कर, क्योंकि जैसा कि आगस्त कॉम्ते (फ्रांसीसी विचारक) ने कहा है, ‘‘सच कहा जाए तो मज़दूर वर्ग एक वर्ग होता ही नहीं, बल्कि वह तो समाज के निकाय का संघटक होता है. लेकिन मज़दूर वर्ग का वक़्त, यानी सभी लोगों के एक हो जाने का वक़्त अभी भी नहीं आया है.’’



‘‘वर्ल्ड हिस्ट्री फॉर वर्कर्स’’ पृ 47, अल्फ्रेड बार्टन कृत



पृष्ठ-47-



क्राँति शब्द की परिभाषा



‘‘क्राँति शब्द की अवधारणा को इस शब्द की पुलिसिया व्याख्या के अर्थ में, यानी सशस्त्र विद्रोह के अर्थ में नहीं लेना चाहिए. यदि किसी पार्टी के पास दूसरे, कम खर्चीले, और अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षित तरीके इस्तेमाल करने की गुंजाइश है, और तब भी वह सिद्धांत के नाते विद्रोह का ही तरीका अपनाती है, तो उसे पागल की कहा जाएगा. इस अर्थ में, सामाजिक जनवाद कभी भी सिद्धांत के नाते क्राँतिकारी नहीं रहा. ऐसा यह सिर्फ़ इसी अर्थ में है कि यह इस बात को मानता है कि जब इसे राजनीतिक सत्ता हासिल हो जाएगी, तो यह इसका इस्तेमाल वर्तमान व्यवस्था को टिकाए रखने वाली उत्पादन-प्रणाली को खत्म करने के अलावा और किसी मकसद के लिए नहीं करेगा.’’



कार्ल काउत्स्की

कार्ल काउत्सकी (1854-1938) जर्मन सामाजिक-जनवादी आंदोलन और दूसरे इंटरनेशलन के एक नेता.



पृष्ठ 47



अमरीका के बारे में कुछ तथ्य और आंकड़े

5 आदमी 1000 लोगों के लिए रोटी पैदा कर सकते हैं.

1 आदमी 250 लोगों के लिए सूती कपड़ा पैदा (कर सकता) है.

1 आदमी 300 लोगों के लिए ऊनी कपड़ा पैदा कर सकता है.

1 आदमी 1000 लोगों के लिए बूट और जूते पैदा कर सकता है.



आयरन हील (पृ-78)

जैक ग्रिफिथ लण्डन (1876-1916) का उपन्यास ‘आयरन हील’, जो 1908 में प्रकाशित हुआ.



15,000,000 लोग बेपनाह गरीबी (में) जी रहे हैं जो अपनी श्रम-दक्षता को भी बनाए नहीं रख सकते. 3,000,000 बाल श्रमिक.



**********************************************************************



पृष्ठ 50

अवसरवाद का जन्म

क़ानून के दायरे में रहकर काम करने की संभावना ने ही दूसरे इंटरनेशनल के समय में मज़दूर पार्टियों के भीतर अवसरवाद को जन्म दिया.



लेनिन, द्वितीय इंटरनेशनल का पतन



गैरक़ानूनी काम

‘‘किसी देश में जहाँ बूर्ज़ुआ वर्ग या प्रतिक्राँतिकारी सामाजिक जनवाद सत्ता में है, कम्युनिस्ट पार्टी को अपने क़ानूनी और गैर क़ानूनी कामों के बीच एक तालमेल रखना अवश्य सीख लेना चाहिए और क़ानूनी काम को हमेशा और निश्चित रूप से ग़ैर क़ानूनी पार्टी के प्रभावी नियंत्रण में ही रहना चाहिए.’’



बुखारिन

निकोलाई अलेक्सांद्रोविच बुखारिन (1888-1938) रूसी सामाजिक-जनवादी मजदूर पार्टी के सदस्य, जो 1937 में कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण पार्टी से निकाले गए.



दूसरे इंटरनेशनल के लक्ष्य के साथ विश्वासघात

समाजवाद और श्रम के इस विराट संगठन को ऐसी शांतिकालीन गतिविधियों के लिए अनुकूलित कर दिया गया, और जब संकट आया, तो बहुत से नेता और जनसमुदायों के भारी हिस्से अपने आपको इस नई स्थिति के अनुरूप बनाने में असमर्थ हो गए... यही वह अपरिहार्य स्थिति है जो बहुत हद तक दूसरे इंटरनेशनल के विश्वासघात का कारण है.



मार्क्स टु लेनिन, पृ 140 मारिस हिलक्वीट



(क्रमशः)