अक्टूबर 18, 2010

भारतीय लोग अपनी मेहनत के कारण विदेशों में भी कामयाब

25 जनवरी 2010
भारतीय लोग मेहनती होते है। इसलिए वे विदेशो में जाकर कामयाब हो रहे है क्योंकि वहां पर मेहनती काम के लिए कुर्सी पर बैठने वालो की अपेक्षा अधिक धन मिलता है। आस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रो पर हो रहे हमले का कारण देर रात तक काम करना है। जिससे कि नशेड़ी व असामाजिक तत्वों को मौका मिल जाता है। यह कोई नस्लीय हमले नही हैं। यह कहना तीन साल बाद आस्ट्रेलिया से अपने वतन लोटे गुरशमिंदर सिह बराड़ का। वे हैलो सिरसा कार्यक्रम में रोशन सुचान के साथ बातचीत कर रहे थे। पेश है इस वार्तालाप के मुख्यांश:9
आस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों पर हमले का मूल कारण क्या है?
जब मै तीन साल पहले यहां से आस्ट्रेलिया गया था तो उसकी अपेक्षा आज भारत ने बहुत तीव्र गति से विकास किया है। इसी प्रकार वहां भी स्थानांतरण का प्रचलन बहुताय हो गया और वहां हर शिक्षण संस्थान में भारतीय छात्र देखे जा सकते है। रही बात नस्ली हमलों की यह सिर्फ तीन या चार प्रतिशत ही हो सकते है। मुख्यत: झगड़े शराबी लोगों के कारण हुए, ऐसा प्रतीत होता है। आस्ट्रेलिया में विश्व में सबसे कम समय में यानि मात्र दो वर्षो में ही स्थाई निवास दिया जाता था। जिस कारण अधिक से अधिक छात्र आस्ट्रेलिया जाना चाहते थे। परन्तु इन बेबुनियादी खबरो का खामियाजा भी छात्रो को ही भुगतना पड़ा है।
क्या वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण भारतीय प्रवासी प्रभावित हुए है?
आस्ट्रेलिया में प्रतिभा संपन्न लोगों की कमी थी। क्योंकि वहा एक बहुत बड़ा तबका रिटायर हो चुका था। जिस कारण वहां भारतीयों की मांग थी। आस्ट्रेलिया में एक प्रणाली के तहत वहां का हर स्थाई निवासी सुरक्षित है। वहां हर स्थाई निवासी को रोजगार उपलब्ध करवाया जाता है या फिर उसे जीवन यापन के लिए सरकार द्वारा न्यूनतम वेतन प्रदान किया जाता है। जिससे हम कह सकते है कि वैश्विक मंदी से भारतीय प्रवासी लोगो का ज्यादा फर्क नही पड़ा है।
आस्ट्रेलिया की शिक्षा नीति भारत की शिक्षा नीति से कैसे भिन्न है?
वहां की शिक्षा नीति अच्छी है। परन्तु मैं भारतीय शिक्षा प्रणाली का कायल हूँ। क्योंकि यहां के छात्र अधिक होशियार है। अभी कुछ दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी कहा था कि अमेरिकी और युरोपीय बच्चे तो विडियो गेम खेलते रह गए और एशियन बच्चे बहुत काम के निकले। वहा की खास बात यह है कि वहां पर शिक्षा में परैक्टिकल अधिक करवाया जाता है। परन्तु शिक्षा का अधिक दबाव न होने के कारण वहा के छात्र या तो बिल्कुल टॉप करते है या फिर फेल होते है। उनका गणित भी बहुत कमजोर होता है। वहां की शिक्षा राजगार से जुड़ी हुई है।
भारत और आस्ट्रेलिया के यातायात प्रणाली में क्या अन्तर है?
दोनों देशो की यातायात प्रणाली बहुत भिन्न है। वहां सभी नियमो का पालन करना अनिवार्य है। तीन साल वहां गुजारने बाद मुझे यह महसूस हुआ कि हम भारत में तो खुदा के आसरे ही चलते है। हमारे तंत्र में कोई खामी नही है। परन्तु हमारे यहां सहजता से नियमो का पालन नही किया जाता । आस्टे्रलिया में यातायात के नियमो को राष्ट्र भावना के साथ माना जाता है। वहां गिव वे रूल होने के कारण ड्राइविंग में बहुत आसानी रहती है। भारत में अधिक जनसंख्या होने के कारण यातायात संस्कृति को स्थापित करने के लिए बहुत कड़ी मश्कत की आवश्यकता है।